
होलिका दहन शुभ मुहूर्त 2025: जानें सही समय, पूजा विधि और महत्व
होलिका दहन शुभ मुहूर्त 2025 को लेकर हर साल लोगों के मन में जिज्ञासा रहती है। होली से एक दिन पहले फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस लेख में हम होलिका दहन शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, धार्मिक महत्व और इससे जुड़ी मान्यताओं पर विस्तृत जानकारी देंगे।
होलिका दहन शुभ मुहूर्त 2025
होलिका दहन करने के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। गलत समय पर होलिका दहन करने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा को भद्रा काल समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन करना चाहिए।
संभावित होलिका दहन शुभ मुहूर्त 2025:
तिथि: 13 मार्च 2025 (गुरुवार)
शुभ मुहूर्त: रात 11:26 बजे से 12:30 बजे तक
भद्रा समाप्ति: दोपहर बाद
होलिका दहन की पूजा विधि
शुद्धिकरण: पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
लकड़ी व उपले रखें: होलिका दहन के लिए उपयुक्त स्थान पर लकड़ी, उपले और सूखी घास रखें।
हल्दी-रोली का लेप: होलिका पर हल्दी, रोली और फूल चढ़ाएं।
अर्घ्य दें: गंगाजल, चावल, कुमकुम, नारियल और गुलाल से पूजा करें।
परिक्रमा करें: परिवार के साथ होलिका की तीन या सात बार परिक्रमा करें।
होलिका दहन करें: शुभ मुहूर्त में अग्नि प्रज्वलित करें और नारियल, गेहूं, चने आदि अर्पित करें।
होलिका दहन का महत्व
होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। यह परंपरा प्रह्लाद और होलिका की कथा से जुड़ी है। होलिका दहन से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
होलिका दहन से जुड़ी मान्यताएँ
रोग निवारण: होलिका की अग्नि में सुखी गूलर की लकड़ी डालने से स्वास्थ्य लाभ होता है।
नकारात्मक ऊर्जा से बचाव: राख को घर में रखने से बुरी नजर और बुरी शक्तियों से रक्षा होती है।
संपत्ति वृद्धि: गेहूं और चने की आहुति देने से धन-संपत्ति की वृद्धि होती है।
होलिका दहन के बाद क्या करें?
होलिका दहन की राख को माथे पर लगाएं, इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
घर के चारों ओर राख का छिड़काव करें ताकि नकारात्मक शक्तियां दूर रहें।
अगले दिन रंगों की होली खेलकर खुशियां मनाएं।
निष्कर्ष
होलिका दहन शुभ मुहूर्त 2025 का सही ज्ञान होना आवश्यक है, ताकि पूजा विधि सही तरह से हो और शुभ फल प्राप्त हों। यह पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस साल होलिका दहन का शुभ मुहूर्त ध्यान में रखते हुए सही विधि से पूजा करें और अपने जीवन में सुख-शांति लाएं।
होलिका दहन की शुभकामनाएँ! Read Article in English Holika Dahan Shubh Muhurat 2025: Timings, Puja Vidhi & Significance click here
Q1: होलिका दहन कब किया जाता है?
A: होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन किया जाता है, जो होली के एक दिन पहले आता है।
Q2: साल 2025 में होलिका दहन की तिथि और शुभ मुहूर्त क्या है?
A: साल 2025 में होलिका दहन की तिथि 13 मार्च है। शुभ मुहूर्त रात 11:26 बजे से 12:30 बजे तक रहेगा।
Q3: होलिका दहन का धार्मिक महत्व क्या है?
A: होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह प्रह्लाद और होलिका की पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है, जिसमें भक्त प्रह्लाद की भगवान विष्णु ने रक्षा की और होलिका अग्नि में भस्म हो गई।
Q4: होलिका दहन करने की सही विधि क्या है?
A:
- पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
- लकड़ी, उपले और सूखी घास से होलिका बनाएं।
- हल्दी, रोली, फूल, नारियल और गुलाल से पूजा करें।
- गेहूं और चने की आहुति देकर परिक्रमा करें।
- शुभ मुहूर्त में अग्नि प्रज्वलित करें।
Q5: होलिका दहन के बाद क्या करना चाहिए?
A:
- होलिका की राख को माथे पर लगाना शुभ माना जाता है।
- घर के चारों ओर राख का छिड़काव करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- अगले दिन रंगों की होली खेलकर खुशियां मनानी चाहिए।
Q6: होलिका दहन में किन चीजों की आहुति देना शुभ होता है?
A: नारियल, गेंहू, चना, गुलाल, सूखे फूल और कपूर अर्पित करना शुभ माना जाता है।
Q7: होलिका दहन में भद्रा काल का क्या महत्व है?
A: भद्रा काल में होलिका दहन करना अशुभ माना जाता है, इसलिए इसे समाप्त होने के बाद ही दहन करना चाहिए।
Q8: क्या होलिका दहन से कोई वास्तु लाभ होता है?
A: हां, होलिका की अग्नि से घर और वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मकता बढ़ती है।
Q9: होलिका दहन के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
A:
- होलिका दहन केवल शुभ मुहूर्त में करें।
- बच्चों को आग से दूर रखें।
- होलिका जलाने के बाद उसमें प्लास्टिक या कोई हानिकारक वस्तु न डालें।
Q10: क्या होलिका दहन के बाद कोई विशेष उपाय किए जा सकते हैं?
A:
- व्यापार में वृद्धि के लिए राख को तिजोरी में रखें।
- बुरी नजर से बचने के लिए घर के मुख्य द्वार पर राख का छिड़काव करें।
- परिवार की सुख-शांति के लिए होलिका दहन के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें।
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